किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है।
दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर।
कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे हैं।
अपने साथ जब मैं खुद खड़ा होता हूँ, तब मैं क़यामत के हर तूफ़ान से बड़ा होता हूँ।
वो मुझे ज़िन्दगी जीने का तरीका बता रहे है,
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं, लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं
“दौलत तो विरासत में मिलती है, लेकिन पहचान अपने दम पर बनानी पड़ती है”
मेरी शराफत को तुम बुझदिली का नाम मत दो,❌
होंगे जब जुदा तो मोहब्बत का बंटवारा कर लेंगे,
हात नहीं उठाते बस नज़रों से गिरा देते हैं।
Preeta Singh is very read more passionate about Shayari & Poetries. She loves to write Shayari through her school times and now pouring her crafting love into you all through this beautiful web site.
हमारी हैसियत का अंदाज़ा तुम ये जान के लगा लो,
ज़िंदगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जाएं, शौक जीने का है, मगर इतना भी नहीं कि मर-मर के जिया जाएं।
जिनको मेरी फिक्र नहीं उनका अब कोई ज़िक्र नहीं..